चंद्रयान मिशन कब शुरू हुआ ?
उस समय के मौजूदा प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने मून मिशन की घोषणा की थी । भारत ने चंद्रयान मिशन की शुरुआत 15 अगस्त 2003 को किया था । भारत सरकार ने भारतीय चंद्रयान मिशन के लिए नवम्बर 2003 में चंद्रयान 1 मिशन के लिए मंजूरी दी थी । मंजूरी के लगभग पांच साल बाद , श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान 1 मिशन को भारत ने 22 अक्टूबर 2008 को प्रक्षेपित किया । विश्व के कुल तीन देश ( अमेरिका , चीन और रूस ) ही चंद्रमा पर मिशन भेजने में कामयाब हो चुके थे और ऐसा करने वाला भारत चौथा देश था । लेकिन दुर्भाग्यवश 14 नवम्चंबर 2008 को चंद्रयान 1 चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास दुर्घटना ग्रस्त हो गया लेकिन तबतक चंद्रयान 1 चन्द्रमा पर पानी के अणुओं की उपस्थिति का पता लगा चूका था , इसके द्वारा भेजे गये डेटा से चाँद पर बर्फ की पुष्टि कर ली गयी थी। इसरो के द्वारा चंद्रयान 1 मिशन को 28 अगस्त 2009 को समाप्ति कर दी गयी । यह तो भारत की एकमात्र शुरुवात थी , हिंदुस्तान चन्द्रमा पर तिरंगा लहराने का मन बना चूका था इसी क्रम में चंद्रयान 2 मिशन पर कार्य शुरु हो गया था ।
चंद्रयान 2 : 2.1 किमी पहले ही लैंडर से इसरो का सम्पर्क टूट गया
भारत ने चन्द्रमा की ओर अपना दूसरा कदम बढाया और श्रीहरिकोटा से सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 22 जुलाई 2019 को 14:43 बजे जी एस एल वी - मार्क 3 एम् 1 द्वारा चंद्रयान दो प्रक्षेपित किया गया । 20 अगस्त 2019 को चंद्रयान दो चन्द्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया । चंद्रयान दो का पहला उद्देश्य चाँद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करना था और चाँद की सतह पर रोबोट रोवर को संचालित करना था लेकिन 2 सितम्बर को लैंडर विक्रम चाँद की ध्रुवीय कक्षा में चाँद की परिक्रमा करते समय अलग हो गया और चाँद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊचाई पर लैंडर से स्पेस सेण्टर इसरो का संपर्क टूट गया । इस प्रकार चंद्रयान 2 चाँद की सतह पर सुरक्षति लैंडिंग करने में विफल रहा । उस समय स्पेस सेण्टर में मौजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा की हार जीत तो हमारे जीवन का हिस्सा है अगली बार फिर से हम चंद्रयान 3 चाँद पर भेजेंगे और सफल भी होंगे उससे पहले हमें हमारी हार के कारण को समझना होगा ।
चंद्रयान 3 : भारत ने दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला विश्व का पहला देश बना
विश्व पटल पर भारत ने रचा इतिहास चंद्रयान 3 की चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग वो भी चांद के दक्षिणी ध्रुव पर करने वाला विश्व का पहला देश बना । चंद्रयान 3 को आँध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 14 जुलाई को LVM-3 प्रक्षेपण द्वारा प्रक्षेपित किया गया था । चंद्रयान 3 की सॉफ्ट लैंडिंग 23 अगस्त 2023 को शाम 6:04 बजे हुई । चाँद पर एक दिन पृथवी के चौदा दिन के बराबर होता है इसी कारण से चंद्रयान 3 मिशन चाँद के सतह पर 14 दिनों तक रिसर्च करेगा ।
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चंद्रयान तीन का प्रक्षेपण कब और कहा से हुआ ?
यह यान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास की सतह पर 23 अगस्त 2023 को भारतीय समय अनुसार सायं 06:04 बजे के आसपास सफलतापूर्वक उतर चुका है।
चंद्रयान तीन में शामिल अध्यक्ष ,निदेशक और वैज्ञानिक
निदेशक, मिशन - एस. मोहनकुमार
परियोजना निदेशक, चंद्रयान-3 - पी. वीरमुथुवेल
निदेशक, वाहन - बीजू . सी. थामस
अब चंद्रयान रोवर चंद्रमा की सतह पर घूमने लगेगा, इसरो के मुताबिक चंद्रयान-3 के लिए मुख्य रूप से तीन उद्देश्य निर्धारित थे. पहला चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराना, दूसरा चंद्रमा की सतह पर लैंडर को उतारना-घुमाना और तीसरा लैंडर और रोवर से चंद्रमा की सतह पर रिसर्च करवाना